
Highlights
- 1 राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 को विस्तार से प्रश्न और उत्तर शैली इस प्रकार है|
- 2 नई शिक्षा नीति कब लागू होगी
- 3 बोर्ड की होंगी या नहीं
- 4 बोर्ड की परीक्षा को दो हिस्सों में जैसे वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक श्रेणियों में विभाजित किया
- 5 जावेगा |
- 6 नई शिक्षा नीति की मुख्य बातें
- 7 राष्ट्रिय शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा में सुधार
राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 को विस्तार से प्रश्न और उत्तर शैली इस प्रकार है|
राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 में बताये गए सुधार कैसे लागू होंगे
राष्ट्रिय शिक्षा नीति में अभी शिक्षा सुधारो के सुझावों को मंजूरी मिली है, अभी सुधारो के क्रियान्वयन होना बाकी है| यह जरूरी नहीं है क़ि नई शिक्षा नीति के सभी सुझाव मान ही लिए जावे, शिक्षा एक समवर्ती विषय है जिस पर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों कानून बना सकती है | इस शिक्षा नीति में सुधार के जो सुझाव दिया गए है राज्य सरकारें और केंद्र के सहयोग से लागू करेंगे|
नई शिक्षा नीति कब लागू होगी
राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 अभी इतनी जल्द लागू होने वाली नहीं है | सरकार ने स्वयं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए 2040 के फाइनल ड्राफ्ट में कहा गया है कि 2040 तक देश के लिए एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का लक्ष्य होना चाहिए, जहां किसी भी सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले शिक्षार्थियों को बराबर रूप से सर्वोच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध हो| नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए फण्ड अहम है, इसलिये दिक्क्त लागू करने में होगी| 1968 में बनी पहली राष्ट्रिय शिक्षा नीति फंड का अभाव की वजह से पूरी तरह से लागू नहीं हो पायी थी|
बोर्ड की होंगी या नहीं
नई शिक्षा नीति में दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में बड़े बदलाव किये गए है| बोर्ड की परीक्षाएं होंगी परन्तु इनके महत्व को कम किया जावेगा| वर्ष में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं होंगी, विद्यार्थी पर बोर्ड की परीक्षाओ का दबाव कम होगा| विद्यार्थियों के रटने को परवर्ती को कम रकने के लिए विषयो के कांसप्ट और ज्ञान को महत्व दिया जावेगा| अब विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की जरुरत नहीं होगी|
बोर्ड की परीक्षा को दो हिस्सों में जैसे वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक श्रेणियों में विभाजित किया
जावेगा |
परीक्षा में मुख्य जोर ज्ञान के परीक्षण पर होगा ताकि विद्यार्थियों में रटने की परवर्ती समाप्त हो| विभिन्न बोर्ड आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाओ के प्तक्टिकल मॉडल को तैयार करेंगे| नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में भी परीक्षाएं होंगी और दसवीं ो बारहवीं को बोर्ड परीक्षाएं बदले स्वरूप में होंगी| बोर्ड की परीक्षाओ को लेकर यह अहम बदलाव 2022 -23 वाले स्तर से लागू करने के मंशा है| 10 +2 की जगह नई शिक्षा निति में 5 +3 +3 +4 की बात बताई गए है|
नई शिक्षा नीति की मुख्य बातें
- नेशनल एजुकेशन पालिसी के अनुसार, 2030 तक एसडीजी 4 से जुडी ईसीसीई से माध्यमिक शिक्षा तक सार्वभौमिकता होगी|
- वर्ष 2025 तक नेशनल मिशन के माध्यम से फॉउण्डेशनल लर्निंग और न्यूमेरसी कौशल प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है|
- नेशनल एजुकेशन पालिसी के अनुसार, 2030 तक प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक शत प्रतिशत GEW होगी|
- वर्ष 2023 तक, शिक्षकों को मूल्यांकन सुधारो तैयार किया जावेगा|
- समावेशी और समान शिक्षा प्रणाली के प्रावधान के लिए वर्ष 2023 तक का लक्ष्य रखा गया है|
- बोर्ड की परीक्षा में रट्टा लगाने के बजाय विद्यार्थी के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जावेगा, इसलिए मुख्य अवधारणाओं और ज्ञान का अनुप्रयोग का टेस्ट होगा|
- हर बच्चे को अपने स्कूली शिक्षा पूरी करने के साथ एक कौशल प्राप्तहोगा यह भी लक्ष्य रखा गया है|
- सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सिखने के एक मानक होंगे और शुल्क भी एक बराबर बनाया जावेगा|
राष्ट्रिय शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा में सुधार
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10 +2 बोर्ड संरचना को हटता कर नई संरचना – 5 +3 +3 +4 होगी
- नए दिशानिर्देशों के अनुसार, पांचवी तक प्री स्कूल होगा, छठी से आठवीं मिडिल स्कूल और आठवीं से ग्यारहवीं स्कूल होगा और बारहवीं से आगे ग्रेजुएशन होगा|
- कक्षा छठी का पश्चात विद्यार्थी व्यावसियिक पढिकरमो का चयन कर सकते है और आठवीं से वयरहवी के विद्यार्थी अपनी पंसंद का विषय चुन सकते है|
- सभी ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में मेजर और माइनर विषयो का प्रावधान होगा|
- रट्टा लगाने के बजाय विद्यार्थी के विषय के मूल ज्ञान का टेस्ट को लक्ष्य करना होगा |
- यह निर्णय लिया गया है कि पांचवी कक्षा तक शिक्षण की भाषा मातृभाषा होगी| त्रिभाषा फार्मूला लागू होगा और उच्च शिक्षा तक संस्कृत को विकल्प रूप में दिया जावेगा|
- स्टेट अपनी पसंद की भाषा चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे उन पर कुछ भी दबाव नहीं होगा|
- किसी विद्यार्थी का रिपोर्ट कार्ड में विद्यार्थी के अकादमिक मार्क्स के स्थान पर विद्यार्थी को कौशल और क्षमताओं का व्यापक रिपोर्ट होगा|
- राष्ट्रीय मिशन का उद्श्य बुनियादी साक्षरता और न्युमेरेसी पर ध्यान केंद्रित करना है|
- पढिकरम के शैक्षणिक संरचना में बड़े दबलाव के बजाय संकाय में बड़े बदलाव नहीं होंगे|
- व्यावसायिक तथा शैक्षणिक और पाठ्यक्रम तथा पाठ्येतर के बीच सभी बाधाओं को भी दूर करना होगा|